संदेश

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Excellent — this reference circular from 31 Bn SSB Gossaigaon gives a perfect example of how an official AME notice is structured. Based on that format and your earlier handwritten note, here’s an improved, polished, and professionally formatted version of your message in official English — matching SSB communication style 👇 WT – MSG To: All Coys (Including Election Duty Coys) All BOPs Bn HQ No. XV/1154/AME(04)/Unit Hosp/65 BN/SSB/2025/ Dated: …../11/2025 Subject: Completion of Annual Medical Examination (AME) – 2025 It is hereby intimated that the Annual Medical Examination (AME) – 2025 of all personnel must be completed on or before 15 December 2025 . As per standing instructions, it is the responsibility of each individual to ensure timely completion of the AME. All Coy Commanders and In-Charges shall ensure that no personnel under their command remain pending for the same. In case any individual fails to undergo AME within the stipulated time frame, a wr...

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डिजिटल ट्विंस टेक्नोलॉजी

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जय हिन्द दोस्तों! मैं विनोद ओरांव, लैबोरेटरी टेक्नोलॉजिस्ट। आज मैं आपको डायग्नोस्टिक दुनिया का भविष्य दिखाने वाला हूँ — जहाँ टेक्नोलॉजी, सिर्फ आप का इलाज ही नहीं करेगी,  बल्कि, बीमारी आने से पहले ही आपको अलर्ट कर देगी!    अब ज़रा सोचिए — जैसे हम किसी कागज़ की फोटोकॉपी निकालते हैं,  वैसे ही अब हमारे शरीर की भी डिजिटल कॉपी बनेगी।  जी हां दोस्तों मैं बात कर रहा हूं डिजिटल ट्विंस की। अब बात आती है अगर किसी के शरीर का डिजिटल ट्विंस या जुड़वां बनाया जाता है तो उसके लिए हमारे शरीर से जुड़ी सैकड़ो तरह की जानकारी ली जाएगी जो कि रियल टाइम में अपडेट भी होता रहेगा। शारीरिक या Biological Data यह डेटा हमारे शरीर की basic structure और जेनेटिक जानकारी से जुड़ा होता है: जैसे कि  DNA और Genes की जानकारी। Blood Group और Cell Structure Hormonal profile Organ structure (जैसे कि दिल, फेफड़े, किडनी का 3D मॉडल) हड्डियों और मांसपेशियों की बनावट   Health & Medical Data यह डेटा डॉक्टर और AI सिस्टम को हमारे शरीर की स्थिति समझने में मदद करता है जैसे कि  Blood...

स्ट्रेस कैसे काम करता है

Stress कैसे काम करता है? सरल भाषा में समझिए आज की तेज़ रफ़्तार दुनिया में हर कोई किसी न किसी लक्ष्य को हासिल करने की दौड़ में है। Competition, Deadlines, Family Responsibilities—इन सबके बीच हमारा शरीर लगातार सतर्क स्थिति में रहता है। इसी सतर्कता को Stress कहा जाता है। Stress कोई बीमारी नहीं है, बल्कि शरीर की प्राकृतिक सुरक्षा प्रणाली का हिस्सा है। जैसे ही हमें किसी खतरे, दबाव या चुनौती का अहसास होता है, दिमाग हमारे शरीर को “तैयार हो जाओ” का सिग्नल भेज देता है। ✅ Stress Body में कैसे काम करता है? 👉 1️⃣ Brain खतरा महसूस करता है किसी समस्या या टेंशन जैसी स्थिति को दिमाग एक खतरे की तरह समझता है। 👉 2️⃣ Alarm System Activate होता है Neurons, Pituitary Gland को संदेश भेजते हैं कि शरीर को Emergency Mode में डालो। 👉 3️⃣ Stress Hormones रिलीज़ होते हैं Pituitary Gland → Hormone बनती है → Adrenal Glands तक जाकर दो मुख्य Hormones रिलीज़ होते हैं: Adrenaline Heartbeat तेज़ सांसें तेज़ मांसपेशियाँ ready यानी शरीर तुरंत Action Mode में! Cortisol Blood sugar बढ़ाता है ...

क्या विज्ञान हमें अमर बना सकता है? — Aging’s Escape Velocity की रोमांचक कहानी

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क्या विज्ञान हमें अमर बना सकता है? — Aging’s Escape Velocity की रोमांचक कहानी  क्या आपने कभी सोचा है — अगर उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को ही रोक दिया जाए तो? अगर हर गुजरते साल के साथ हम उतना ही जवान और ऊर्जावान बने रहें जितना पहले थे,तो क्या हम सचमुच अमर हो सकते हैं? यही सवाल खड़ा करता है विज्ञान का एक अद्भुत सिद्धांत  “Aging’s Escape Velocity”  यानि वह गति, जहाँ विज्ञान और जीवन एक ऐसी रेस में हैं, जहाँ हर खोज हमें मृत्यु से एक कदम और दूर ले जाती है। 🧬 विज्ञान और उम्र की दौड़ पिछले सौ वर्षों में मानवता ने हर साल अपनी औसत आयु में लगभग 0.3 वर्ष जोड़ लिया है।बेहतर दवाइयाँ, पौष्टिक आहार और चिकित्सा तकनीकें हमें पहले से ज़्यादा लंबा जीवन दे रही हैं। पर सोचिए, अगर विज्ञान इतनी तेज़ी से आगे बढ़ जाए कि हर साल वह हमारी उम्र में एक साल या उससे भी ज़्यादा जोड़ दे । यानि जितना हम बूढ़े हों, उतना ही विज्ञान हमें नया जीवन दे दे। तो उस पल हम Aging’s Escape Velocity पर पहुँच जाएँगे । जहाँ उम्र बढ़ना एक सामान्य जैविक प्रक्रिया नहीं, बल्कि एक तकनीकी चुनौती बन जाएगी। 🐇 खरगोश की रू...

PET SCAN

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दोस्तों, जिस तरह हमने टेलीकम्युनिकेशन में 2G से लेकर 5G तक का इवोल्यूशन देखा — जहाँ कुछ सेकंड में पूरी दुनिया जुड़ जाती है, उसी तरह, अब मेडिकल डायग्नोस्टिक्स की दुनिया में भी, एक जबरदस्त क्रांति आ चुकी है! और इसी क्रांतिकारी सफ़र की अगली कड़ी है  PET Scan जो  एक ऐसी आधुनिक तकनीक जो कैंसर की पहचान और इलाज दोनों में  गेम-चेंजर बन चुकी है। किसी खेत में जब फसल उगाई जाती है,  तो किसान बहुत ध्यान रखता है मिट्टी की नमी, खाद की मात्रा और पौधों की सेहत पर। लेकिन कभी-कभी उसी खेत में खरपतवार (weeds) भी उग आते हैं। ये खरपतवार दिखने में फसल जैसे ही लगते हैं, मगर इनकी चाल अलग होती है — ये ज़्यादा तेज़ी से बढ़ते हैं , और बहुत ज़्यादा मात्रा में पानी, धूप, खाद और पोषक तत्वों को सोख कर  खेत के एक हिस्से से लेकर धीरे-धीरे पूरे खेत में फैल जाते है और  असली फसल की बढ़त को रोक देता है।  यही कुछ शरीर के अंदर कैंसर कोशिकाएँ (Cancer Cells) करती हैं।  शुरुआत में तो ये एक छोटे से हिस्से में होती हैं, लेकिन फिर बहुत तेजी से बढ़ने लगती हैं। ये कोशिकाएँ सामान्य को...

क्या एनीमिया भारत की महिलाओं की सबसे बड़ी समस्या है?

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मैं डायग्नोस्टिक दुनिया से जुड़ा हुआ हूँ और अब तक हज़ारों लोगों के लिए लाखों ब्लड टेस्ट कर चुका हूँ। अपने अनुभव से मैंने एक चौंकाने वाली बात देखी है – अधिकतर महिलाओं का हीमोग्लोबिन लेवल नॉर्मल से कम होता है। 👉 क्यों ऐसा है? पौष्टिक आहार की कमी आयरन और फॉलिक एसिड की अनदेखी बार-बार गर्भधारण और उचित देखभाल का अभाव स्वास्थ्य जागरूकता की कमी यही वजह है कि भारत में महिलाओं में एनीमिया बेहद आम है। “क्या एनीमिया भारत की महिलाओं की सबसे बड़ी समस्या है? अगर हम 2 महिलाओं को साथ खड़ा करें तो उनमें से 1 महिला एनीमिक होगी। यानी सीधा-सीधा कहा जा सकता है – “भारत की हर दूसरी महिला एनीमिक है।” ✅ समाधान क्या है? संतुलित आहार (हरी पत्तेदार सब्ज़ियाँ, दालें, अनार, चुकंदर आदि) आयरन और फॉलिक एसिड सप्लीमेंट (डॉक्टर की सलाह से) नियमित हेल्थ चेकअप और हीमोग्लोबिन टेस्ट महिलाओं के स्वास्थ्य पर जागरूकता और प्राथमिकता महिला ही परिवार और समाज की नींव है। अगर वे स्वस्थ नहीं होंगी तो आने वाली पीढ़ियाँ भी स्वस्थ नहीं रह पाएँगी। ✍️ मैं यह पोस्ट इसलिए लिख रहा हूँ ताकि इसकी गंभीरता को समझ सकें। भारत की सब...